मंदिरों का भारत: भाग २० ~ बुकेश्वर मंदिर, कोरवंगला, कर्णाटक
कर्नाटक में कोरवंगला नामक स्थान पर लगभग एक हजार वर्ष पुराना ऐसा शिव मंदिर है जहां के प्रस्तर नंदी आज भी अपनी धुरी पर घूमते हैं
सम्राट पृथ्वीराज चौहान (तृतीय)
पृथ्वीराज चौहान, नाम सुनते ही उस प्रतापी सम्राट का स्मरण हो आता है जिसने इस भारत भूमि की रक्षार्थ अपना सर्वस्व निछावर कर दिया । चलिए आपको ले चलते है…
मेघदूतम् – १: कालिदास की अनुपम कृति का हिंदी अनुवाद
रामगिरी के क्षेत्र में श्राप त्रस्त एक यक्ष सहे वियोग की वेदना हुआ मोह से ग्रस्त!
मंदिरों का भारत: भाग १९ ~ हंशेश्वरी मंदिर, बांसबेरिया, पश्चिम बंगाल
तेरह मीनारों वा रत्नों से सुसज्जित यह मंदिर पाँच तल ऊँचा है। केंद्रीय मीनार की ऊंचाई 90 मीटर है। प्रत्येक रत्न का ऊपरी सिरा प्रस्फुटित पद्म पुष्प के आकार में…
मुगल उदय से पूर्व अंतिम हिन्दू सम्राट: हेमचन्द्र विक्रमादित्य
बाईस संग्रामों को जीतने वाले इस वीर योद्धा को क्यों नकार दिया गया। इतिहास को अपनी बपौती समझ उलट पलट करने से सवाल पूछना जितना जरुरी है उतना स्वयं इतिहास…
भारत में सूर्योपासना: भाग १
सूर्य देव की उपासना व सौर मत के उपासक अब अधिकतर लुप्तप्राय हो चुके हैं परंतु कई स्थानों पर सिद्ध स्थलों व कई उपासना पद्धतियों ने आज भी सूर्योपासना को…
राक्षस राज रावण और रावण-चरित्र से जुड़ी भ्रांतियां
रावण यदि श्राप के प्रभाव में नहीं होता तो वह सीताजी को भी स्पर्श करने का प्रयास अवश्य करता।
मंदिरों का भारत: भाग १८ ~ उनोकोटि – सुदूर पूर्व का शिल्प सौंदर्य
सबसे बड़े शिव उकेरण को उनोकोतिश्वर काल भैरव कहते हैं।इनकी ऊंचाई साढ़े तेरह मीटर है। इनके जटा जूट ही साढ़े तीन मीटर ऊंचे हैं।इस शिव उकेरण के वाम भाग से…
बापू की उंगली थाम चली हिंदी की कलम।
गाँधी के विचार पारस थे जिसने भी उनके वचनों को गुना उसका हृदय स्वर्णाभा सा चमक उठा।