बटु विश्वास अचल निज धरमा
योगेश्वर श्रीकृष्ण की बालमोहक छवियों में वटपत्र पर लेटी हुई छवि सबसे मोहक लगती है। शिशुरूपी प्रभु कि इस छवि को संस्कृत में ‘वातपत्रसयी’ कहा जाता है
बुद्ध के आनन्द
आनन्द भगवान् दशबल (बुद्ध) के बड़े भक्त थे। भगवान को थोड़ा कष्ट होने पर वह विकल हो उठते थे। प्रतिदिन रात्रि में नौ बार एक हाथ में दीपक लेकर और…
रूपकुण्ड का रहस्य ~ भाग २
पहाड़ों में बसने वाले भारतीयों के अनुसार यह पहाड़ों की संरक्षक नंदादेवी का प्रकोप था।
पर्व परिक्रमा: परशुराम जयंती
कानपुर के आसपास यानी बुंदेलखंड में ‘धनुषजज्ञ’ अति प्रचिलित एवम् लोकरंजन का प्रमुख नाट्यकर्म है।
मंदिरों का भारत: भाग २३ ~ रणकपुर के जैन मंदिर
मंदिर की मुख्य देहरी में भगवान नेमिनाथ की विशाल भव्य मूर्ति स्थापित है। अन्य मूर्तियों में सहस्त्रकूट, भैरव, हरिहर, सहस्त्रफणा और देपा की मूर्तियाँ उल्लेखनीय है।
मंदिरों का भारत: भाग २२ ~ चेन्नाकेशव मंदिर, सोमनाथपुरा, कर्णाटक
यवन आक्रांता मालिक काफूर व मुहम्मद बिन तुगलक ने कई बार तोड़ा है
धन्य है ऐसे होरियारे
धन्य है ऐसे दोस्त जो न खायेंगे न खाने देंगे के भाव के साथ न मिलेंगे न मिलने देंगे के भाव को चरित्रार्थ कर रहे है
जो रस बरस रहा बरसाने सो रस तीन लोक में नाँय
धीरे धीरे दिन चढ़ने को आया लेकिन कृष्ण अपने गोप सखाओ संग बरसाने होली खेलने नही आए