Author: डॉ• तृप्ति मुखर्जी

मैकलसुता नर्मदा मैया का विहंगावलोकन

चमकता भारतीय भूखंड, जंगलों को चीरकर सागर में विलीन होती नर्मदा, नारंगी सागर तट, गहरा नीला सागर जल मेरे मन में एक अमिट छाप छोड़ गए हैं

मंदिरों का भारत: भाग २० ~ बुकेश्वर मंदिर, कोरवंगला, कर्णाटक

कर्नाटक में कोरवंगला नामक स्थान पर लगभग एक हजार वर्ष पुराना ऐसा शिव मंदिर है जहां के प्रस्तर नंदी आज भी अपनी धुरी पर घूमते हैं

मंदिरों का भारत: भाग १९ ~ हंशेश्वरी मंदिर, बांसबेरिया, पश्चिम बंगाल

तेरह मीनारों वा रत्नों से सुसज्जित यह मंदिर पाँच तल ऊँचा है। केंद्रीय मीनार की ऊंचाई 90 मीटर है। प्रत्येक रत्न का ऊपरी सिरा प्रस्फुटित पद्म पुष्प के आकार में…

मंदिरों का भारत: भाग १८ ~ उनोकोटि – सुदूर पूर्व का शिल्प सौंदर्य

सबसे बड़े शिव उकेरण को उनोकोतिश्वर काल भैरव कहते हैं।इनकी ऊंचाई साढ़े तेरह मीटर है। इनके जटा जूट ही साढ़े तीन मीटर ऊंचे हैं।इस शिव उकेरण के वाम भाग से…

मंदिरों का भारत: भाग १७ ~ कसबेश्वरी मंदिर, अगरतला

अगरतला से 27 किमी दूर दक्षिणपूर्व दिशा में जिला सिपाहिजला के अंतर्गत एक छोटा गांव है कस्बा,जो बांग्लादेश की अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगा हुआ है। यहां पर एक 527 वर्ष…