ज्ञानवापी वजुखाने में प्राचीन शिवलिङ्ग या फव्वारा? क्या कहते हैं शास्त्र?
एक तरफ शिवलिङ्ग के पक्षधरों के चेहरों पर उत्साह और आत्मविश्वास है तो दूसरी ओर औरंगजेब के पक्षधरों की बातों में घृणा और चेहरों पर क्रोध है।
‘क्रांतिदूत’ ~ डॉ मनीष श्रीवास्तव
इस कथा में आप पात्रों के साथ साथ दृश्यों में आगे बढ़ेंगे,अनेक अनापेक्षित चरित्रों एवं घटनाओं से आपका सामना होगा, हिंदी के साथ साथ स्थानीय भाषा का पुट आने से…
पुस्तक समीक्षा : “समय अभी तक वहीं खड़ा है” ~ कल्पेश वाघ
ऐसे समय जब हिन्दी कविताओं का स्तर अपने न्यूनतम बिदुओ को छू रहा है, छन्दहीन कविता और रचनात्मक स्वतंत्रता के नाम पर कुछ भी कचरा परोसा जा रहा है, सूर…
पुस्तक समीक्षा : “समय अभी तक वहीं खड़ा है” ~ कल्पेश वाघ
काव्य-संग्रह "समय अभी तक वहीं खड़ा है" को पढ़ना एक कवि के स्वप्नलोक की यात्रा में उसके समानांतर चलने जैसा है; एक यात्रा जो रचनाओं के मेघ में शब्द, लय,…
पुस्तक समीक्षा : “सबसे सस्ते दिन” ~ अजय चंदेल
सबसे सस्ते दिन संग्रह की कहानियाँ साफ-सीधी और नए गठान की हैं। कुल जमा सत्ताइस कहानियाँ—तीन खंडों में विभक्त—जाने-पहचाने परिवेशों की हैं। कहानियों का ताना-बाना सरस है। इन कहानियों में…
विश्वरूप दर्शन योग
समुपस्थ महाभारत रण मेंहरि भजूँ हरी का चारण मैंसेनासागर के मध्य कहेअर्जुन , श्रीकृष्ण के चरण गहें स्मृति मिली सब मोह गयामन को अकुलाता क्षोभ गयाहे केशव बुद्धिपट खोलेप्रणिपात किया…
महाबलीपुरम – देवी दुर्गा का रहस्य
क्या यह दृश्य उस समय किए जाने वाले तांत्रिक अनुष्ठानों का द्योतक है? क्या इस स्थान पर सच में ऐसे अनुष्ठान किए जाते थे?
पानिपत IV – एक अघोषित युद्ध
अभी तो सुबह के दस ही बजे थे और पानिपत जैसे छोटे शहर में मुझे एक लंबा दिन गुजारना था। बोरियत और चिढ़ से बचने के लिए मैंने डॉरमेट्री से…
प्रतिमा निर्माण में शिला लक्षण
मन्दिरों में प्रतिमा निर्माण से पहले पत्थरों की परीक्षा की जाती है। मयमतम्, अग्नि पुराण और सूत्रधार-मण्डन जैसे ग्रंथों में पत्थरों की जांच के लिए नियम लिखे गए हैं। देवता…
भारतीय प्राचीन शिल्प कला में अंग-विन्यास
सोशल मीडिया पर जिज्ञासावश पूछे जाने वाले कुछ प्रश्न इतने रोचक होते हैं कि जिनके उत्तर में मनोरंजक एवं ज्ञानवर्धक जानकारियों का पिटारा खुल जाता है ऐसा ही एक प्रश्न…