मंदिरों का भारत: भाग १३ ~ श्री वरद विनायक, महड
कौडिन्यपुर के निःसंतान राजा को पुत्रप्राप्ति की कामना थी और ऋषि विश्वामित्र ने उनको गणेश मंत्र से गणेशोपासना का सुझाव दिया। भक्तवत्सल गणपति ने राजा की मनोकामना पूर्ण की, कौडिन्यपुर…
मंदिरों का भारत: भाग १२ ~ श्री बल्लाळेश्वर गणपति, पाली
महाराष्ट्र के पाली गाँव में कल्याण नाम के बडे़ व्यापारी अपनी पत्नी ईंदुमती के साथ रहा करते थे। उन्हें गाँव का सफलतम व्यापारी माना जाता था। उनका पुत्र गणेश भक्त…
मंदिरों का भारत: भाग ११ ~ श्री सिद्धिविनायक, सिद्धटेक
पौराणिक कथा मुद्गल पुराण में सिद्धिविनायक गणपति की कथा का विस्तार है। सृष्टि के आरंभ में सृष्टिकर्ता ब्रह्माजी का उद्गम कमल के पुष्प से होता है। और इस कमल पुष्प…
मंदिरों का भारत: भाग १० ~ श्री मोरेश्वर गणपति, मोरगांव
पौराणिक कथा गणेश पुराणानुसार मिथिला के राजा चक्रपाणि और रानी उग्रा को सूर्य के वरदान से पुत्र प्राप्ति हुई। समुद्र तट पर त्याग दिये गये इस पुत्र का नाम सिंधु…
साहित्य का सृजन, लेखन के लक्षण और अभ्यासू का उत्तरदायित्व
महाभारत के लेखन से पूर्व पाठक का उत्तरदायित्व समझाता एक प्रसंग
प्रजापति ब्रह्माजी का ‘द-द-द’ का उपदेश
देवताओं, मनुष्यों और दानवों को प्रजापति ब्रह्माजी "ददद" का उपदेश देते हैं
पुस्तक समीक्षा : “क्रांतिदूत – #मित्रमेला” ~ मनीष श्रीवास्तव
पुस्तक की शुरुआत महान क्रांतिकारी विनायक दामोदर सावरकर को दो जन्मों की कालापानी की सजा का आदेश प्राप्त होने से होती है और फिर यह कथा पूर्वावलोकन में चली जाती…
मंदिरों का भारत: भाग ९ ~ मुंडेश्वरी मंदिर, रामगढ़, बिहार
यह पत्थर से बना हुआ अष्टकोणीय मंदिर है। मंदिर में देवी की वाराही स्वरुप में पूजा होती है
मंदिरों का भारत: भाग ८ ~ वेंकटीश्वरर शिव मंदिर, मदुरान्तकम्, तमिलनाडु
इस शिवालय का निर्माण गण्डरादित्य चोला ने करवाया था। इस शिव मन्दिर के कारण ही इस स्थान को मदुरान्तक चतुर्वेदी मंगलम कहा जाता था।