नवरात्र में माँ दुर्गा के आगमन वाहन
हमारे पुराणादि शास्त्रों में माता के आगमन व गमन वाहनों के विषय में व उनके प्रकृति एवं मनुष्यों पर प्रभाव के विषय में अत्यंत विस्तार से बताया गया है।
सिंध में सूर्यास्त: पराधीनता का प्रथम प्रकरण (पद्य रूपांतरण)
स्वतंत्रता दिवस २०२२ के अवसर पर तृषार द्वारा लिखित लघुकथा सिंध में सूर्यास्त: पराधीनता का प्रथम प्रकरण का सुंदर पद्य रूपांतरण आप यहाँ पढ सकते हैं। गौरवशाली भूमि सिंध कीथी…
माँ के दस रूप ‘दस महाविद्या’ ~ भाग २
नवरात्र लेख शृंखला के पिछले भाग में हमने दस महाविद्या के प्रथम चार रूपों के बारे में पढा, चलिए आज जानते हैं माँ के अन्य रूपों का वर्णन!
माँ के दस रूप ‘दस महाविद्या’ ~ भाग १
आदिशक्ति, ब्रह्मांड की मौलिक ऊर्जा या आद्य शक्ति, हिंदू परंपरा में देवी मां के रूप में पूजा की जाती है। हे देवी, शिव तुम्हारे बिना शक्तिहीन हैं। सौंदर्य लहरी आदि…
मंदिरों का भारत: भाग १७ ~ कसबेश्वरी मंदिर, अगरतला
अगरतला से 27 किमी दूर दक्षिणपूर्व दिशा में जिला सिपाहिजला के अंतर्गत एक छोटा गांव है कस्बा,जो बांग्लादेश की अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगा हुआ है। यहां पर एक 527 वर्ष…
मंदिरों का भारत: भाग १६ ~ श्री विघ्नेश्वर – ओझर तथा श्री महागणपति – रांजणगाँव
श्री विघ्नेश्वर, ओझर, श्री महागणपति, रांजणगाँव
मंदिरों का भारत: भाग १५ ~ श्री गिरीजात्मज गणपति, लेण्याद्री
मराठी भाषा में ‘लेणी’ शब्द का अर्थ ही गुफा होता है और इसीलिए सह्याद्री में स्थित गुफाओं को लेण्याद्री कहा गया
प्रेम आसक्ति और समर्पण
बात उस समय की है जब मेवाड़ पर महाराणा राज सिंह सिसोदिया का राज था और मेवाड़ का एक ठिकाना सलूम्बर था जिसके सरदार ‘राव रतन सिंह चुण्डावत’ थे। चूंकि…
मंदिरों का भारत: भाग १४ ~ श्री सिद्धिविनायक मंदिर, थेऊर
जिस गणेश मूर्ति का अनुष्ठान कर के ब्रह्माजी का चित्त शांत हुआ, उस मूर्ति को चिंतामणि मूर्ति कहा गया।