तीर्थंकरों की प्रतिमा में श्रीवत्स
श्रीवत्स, एक ऐसा शब्द है जिसका हिंदू जैन तथा बौद्ध कला में महत्व अलग अलग होता है।
प्राचीन से समकालीन तक…
श्रीवत्स, एक ऐसा शब्द है जिसका हिंदू जैन तथा बौद्ध कला में महत्व अलग अलग होता है।
भैरव प्रतिमा के आसपास पिशाचों का चित्रण हो और शिव गणों की भी उपस्थिति हो
उत्तुंग हिमालय और नेपाल से द्रविड़ प्रदेश के महासागर तक भैरव को पूजा जाता है और जनमानस में उनकी यही छवि उन्हें लोकदेवता के आसन पर आरूढ़ करती है।
जिन मनुष्यों की बुद्धि माया के आवरण तले दबी होती है वह भगवान के इस भैरव स्वरूप को पहचान नहीं पाते।
काशी में जिस स्थान पर ब्रह्माजी का पाँचवा मस्तक गिरा उस स्थान को आज भी कपाल-मोचन के नाम से जाना जाता है।
इस प्रतिमा में गणेश जी अपने गण के साथ खड़े हैं और उन्होंने हाथ में नाग धारण किया हुआ है
आम जनधारणा में वैकुंठ को विष्णु का निवास स्थान माना जाता है लेकिन कुछ जानकारों के मतानुसार वै-कुंठ = जहां कुंठा के लिए स्थान नहीं। विष्णु सहस्रनाम में भी चतुर्मूर्ति…
एक तरफ शिवलिङ्ग के पक्षधरों के चेहरों पर उत्साह और आत्मविश्वास है तो दूसरी ओर औरंगजेब के पक्षधरों की बातों में घृणा और चेहरों पर क्रोध है।
क्या यह दृश्य उस समय किए जाने वाले तांत्रिक अनुष्ठानों का द्योतक है? क्या इस स्थान पर सच में ऐसे अनुष्ठान किए जाते थे?
मन्दिरों में प्रतिमा निर्माण से पहले पत्थरों की परीक्षा की जाती है। मयमतम्, अग्नि पुराण और सूत्रधार-मण्डन जैसे ग्रंथों में पत्थरों की जांच के लिए नियम लिखे गए हैं। देवता…