मंदिरों का भारत ~ भाग ४ : कोटाय का शिव मंदिर या सूर्य मंदिर?
कोटाय नामक एक छोटा सा गांव गुजरात राज्य के कच्छ जिले के भुज में स्थित है। यह महज़ एक हजार की आबादी वाला गाँव भुज के जिला मुख्यालय से 24…
प्राचीन से समकालीन तक…
कोटाय नामक एक छोटा सा गांव गुजरात राज्य के कच्छ जिले के भुज में स्थित है। यह महज़ एक हजार की आबादी वाला गाँव भुज के जिला मुख्यालय से 24…
भगवान विष्णु के दस अवतारों में से एक वराह का अवतार भी है यह तो अधिकांश लोग जानते ही हैं किन्तु महादेव के वराह रूप के बारे में शायद ही…
ब्राह्म मुहूर्त का समय हो चला था, महादेव को संध्या वंदन करते हुए इस क्षीण अवस्था में भी बाजीप्रभु ने हूंकार किया, “हर… हर…” पीछे से हिंदवी स्वराज्य का प्रतिसाद…
वह गुरु पूर्णिमा की रात थी। चंद्र अपनी पूर्ण कला में प्रकाशमान होता यदि वह बादलों से घिरा ना होता। आषाढ़ की अमृत वर्षा पन्हाळगड के शिखरों को और भी…
माँ पटनेश्वरी देवी का समावेश 51 शक्तिपीठों में किया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार दक्ष प्रजापति के प्रसिद्ध यज्ञ के पश्चात पिता द्वारा किये गए शिव के अपमान से…
गुजरात राज्य के अमरेली में स्थित देवळिया गाँव के सरपंच द्वारा गाँव में स्थित प्राचीन बावड़ी के रखरखाव तथा उत्खनन के निर्देश दिए गए थे। उत्खनन के दौरान यहाँ से…
आम जनधारणा में वैकुंठ को विष्णु का निवास स्थान माना जाता है लेकिन कुछ जानकारों के मतानुसार वै-कुंठ = जहां कुंठा के लिए स्थान नहीं। विष्णु सहस्रनाम में भी चतुर्मूर्ति…
अतः न गजनी सफल हुआ था, न खिलजी, न औरंगजेब और न ही वामपंथी अपने उद्देश्य में सफल हो सकेंगे।
भगवान विष्णु का ये मंदिर निरंजना (फल्गु) नदी के किनारे अवस्थित है।
कच्छ के लाखेश्वर मंदिर का इतिहास