गुजरात राज्य के अमरेली में स्थित देवळिया गाँव के सरपंच द्वारा गाँव में स्थित प्राचीन बावड़ी के रखरखाव तथा उत्खनन के निर्देश दिए गए थे। उत्खनन के दौरान यहाँ से एक प्राचीन बावड़ी और शिवालय मिलने के समाचार हैं।

पंचायत द्वारा किये जा रहे मरम्मत कार्य के दौरान किए गये उत्खनन में जर्जर वाव में से एक भव्य मंदिर के अवशेष मिले हैं। प्रथम दृष्टया यह पौराणिक मंदिर जैसा प्रतीत हो रहा है। भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा इस स्थान के ऐतिहासिक महत्व की जांच की जा रही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पुराने शिव मंदिर का गर्भगृह छह फीट गहरा है जहां एक शिवलिंग है जो वर्षों पुराना जान पड़ता है। इस वाव के अंदर शिवलिंग के आसपास काफ़ी गंदगी होने के कारण शिवलिंग को बाहर निकाला गया। शिवलिंग और नंदी को स्थानांतरित कर के पास के एक अस्थायी जगह पर नित्य पूजार्चना का प्रबंध किया गया है।

ज़मीनी स्तर से ४२ फिट नीचे विशद नक्काशियों से अलंकृत तीन मंजिला बावड़ी और कलात्मक स्थापत्य प्राप्त हुआ है। खुदाई अभी भी जारी है। पहली नज़र में पूरी संरचना तीन मंजिल लंबी प्रतीत होती है जिसमें से अभी मात्र एक मंजिल का आंशिक रूप से उत्खनन किया गया है।

उत्खनन में मयूर, हाथी और फूल-पत्तियों की आकृतियों से अलंकृत खंड प्राप्त हुए हैं। इनके अलावा कुछ देवी-देवता तथा मनुष्याकृतियाँ भी देखी जा सकती हैं।

यदि अमरेली के इतिहास की बात करें तो इसका अस्तित्व छठी शताब्दी में भी मिलता है। उन दिनों इसे अनुमानजी, अमलीक और अमरावती जैसे नाम से जाना जाता था। नगर में स्थित प्राचीन नागनाथ मंदिर के शिलालेखानुसार इसका एक नाम आम्रपल्ली भी था। नगर में अन्य स्थानों पर वीरों के पाळिया (cenotaph) भी मिले हैं जो इस क्षेत्र में व्याप्त क्षात्रतेज के प्रमाण हैं।

जब 1730 में वडोदरा के दामाजी राव गायकवाड़ ने अमरेली पर हल्ला बोला तब यहाँ स्थानीय देवळीया के काठी के उपरांत सैयद, दिल्ली, अहमदाबाद तथा जूनागढ़ के सरदार और सूबों के बीच सत्ता-संघर्ष चल रहा था। गायकवाड़ी शासनकाल में इस क्षेत्र में प्रजाहित के कई कार्यों का उल्लेख मिलता है। इस समयकाल में यहाँ मंदिरों, दफ़्तरों का निर्माण और निःशुल्क शिक्षा जैसी योजनाओं को लागू किया गया था। इसके अलावा भावनगर के वखतसिंह का भी इस क्षेत्र के विकास में योगदान रहा। स्वतंत्रता के पश्चात यह क्षेत्र सौराष्ट्र, मुंबई और अंत में गुजरात राज्य का भाग बना।

Images credit: जनक पंड्या (@janakp14)

Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x