Author: तृषार

गंतव्यों के बारे में नहीं सोचता, चलता जाता हूँ.

विभाजन का षड्यंत्र और गणोशोत्सव की गरिमा

यदि भारत के सभी धर्म समुदाय में ‘एकता’ हो तो ‘सशस्त्र क्रांति’ कर के ब्रिटिश सत्ता को गिराना इतना कठिन नहीं था और इस बात को अंग्रेज ब-खूबी समझ चुके…

भैरव: कथा और उनके विविध रूप

उत्तुंग हिमालय और नेपाल से द्रविड़ प्रदेश के महासागर तक भैरव को पूजा जाता है और जनमानस में उनकी यही छवि उन्हें लोकदेवता के आसन पर आरूढ़ करती है।