मंदिरों का भारत: भाग २३ ~ रणकपुर के जैन मंदिर
मंदिर की मुख्य देहरी में भगवान नेमिनाथ की विशाल भव्य मूर्ति स्थापित है। अन्य मूर्तियों में सहस्त्रकूट, भैरव, हरिहर, सहस्त्रफणा और देपा की मूर्तियाँ उल्लेखनीय है।
प्राचीन से समकालीन तक…
मंदिर की मुख्य देहरी में भगवान नेमिनाथ की विशाल भव्य मूर्ति स्थापित है। अन्य मूर्तियों में सहस्त्रकूट, भैरव, हरिहर, सहस्त्रफणा और देपा की मूर्तियाँ उल्लेखनीय है।
यवन आक्रांता मालिक काफूर व मुहम्मद बिन तुगलक ने कई बार तोड़ा है
मंदिरों के इस नगर की अन्यतम रचना है नव कैलाश मंदिर जो कि 108 टेराकोटा (ईंट) से बने शिव मंदिरों का समूह है।
कर्नाटक में कोरवंगला नामक स्थान पर लगभग एक हजार वर्ष पुराना ऐसा शिव मंदिर है जहां के प्रस्तर नंदी आज भी अपनी धुरी पर घूमते हैं
तेरह मीनारों वा रत्नों से सुसज्जित यह मंदिर पाँच तल ऊँचा है। केंद्रीय मीनार की ऊंचाई 90 मीटर है। प्रत्येक रत्न का ऊपरी सिरा प्रस्फुटित पद्म पुष्प के आकार में…
सबसे बड़े शिव उकेरण को उनोकोतिश्वर काल भैरव कहते हैं।इनकी ऊंचाई साढ़े तेरह मीटर है। इनके जटा जूट ही साढ़े तीन मीटर ऊंचे हैं।इस शिव उकेरण के वाम भाग से…
अगरतला से 27 किमी दूर दक्षिणपूर्व दिशा में जिला सिपाहिजला के अंतर्गत एक छोटा गांव है कस्बा,जो बांग्लादेश की अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगा हुआ है। यहां पर एक 527 वर्ष…
श्री विघ्नेश्वर, ओझर, श्री महागणपति, रांजणगाँव
मराठी भाषा में ‘लेणी’ शब्द का अर्थ ही गुफा होता है और इसीलिए सह्याद्री में स्थित गुफाओं को लेण्याद्री कहा गया
जिस गणेश मूर्ति का अनुष्ठान कर के ब्रह्माजी का चित्त शांत हुआ, उस मूर्ति को चिंतामणि मूर्ति कहा गया।