रूपकुण्ड का रहस्य ~ भाग २
पहाड़ों में बसने वाले भारतीयों के अनुसार यह पहाड़ों की संरक्षक नंदादेवी का प्रकोप था।
प्राचीन से समकालीन तक…
पहाड़ों में बसने वाले भारतीयों के अनुसार यह पहाड़ों की संरक्षक नंदादेवी का प्रकोप था।
नियमानुसार देव प्रतिमा को प्रकाशित करने वाली आरती को दक्षिणावर्ती दिशा में घुमाया जाता है।
इस प्रतिमा में गणेश जी अपने गण के साथ खड़े हैं और उन्होंने हाथ में नाग धारण किया हुआ है
किसके थे यह कंकाल? कितने वर्ष पुराने थे इनके अवशेष? किसने किया था इनका संहार?
महाभारत के लेखन से पूर्व पाठक का उत्तरदायित्व समझाता एक प्रसंग