राक्षस राज रावण और रावण-चरित्र से जुड़ी भ्रांतियां
रावण यदि श्राप के प्रभाव में नहीं होता तो वह सीताजी को भी स्पर्श करने का प्रयास अवश्य करता।
प्राचीन से समकालीन तक…
रावण यदि श्राप के प्रभाव में नहीं होता तो वह सीताजी को भी स्पर्श करने का प्रयास अवश्य करता।
हमारे पुराणादि शास्त्रों में माता के आगमन व गमन वाहनों के विषय में व उनके प्रकृति एवं मनुष्यों पर प्रभाव के विषय में अत्यंत विस्तार से बताया गया है।
नवरात्र लेख शृंखला के पिछले भाग में हमने दस महाविद्या के प्रथम चार रूपों के बारे में पढा, चलिए आज जानते हैं माँ के अन्य रूपों का वर्णन!
आदिशक्ति, ब्रह्मांड की मौलिक ऊर्जा या आद्य शक्ति, हिंदू परंपरा में देवी मां के रूप में पूजा की जाती है। हे देवी, शिव तुम्हारे बिना शक्तिहीन हैं। सौंदर्य लहरी आदि…
अगरतला से 27 किमी दूर दक्षिणपूर्व दिशा में जिला सिपाहिजला के अंतर्गत एक छोटा गांव है कस्बा,जो बांग्लादेश की अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगा हुआ है। यहां पर एक 527 वर्ष…