भीषण कोरोना काल के पश्चात देश के हर छोटे बडे़ देवस्थानों में होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों तथा मेलों में श्रद्धालु हजारों की संख्या में जुटने लगे हैं। मोरछडी वाले खाटू श्याम जैसे प्रसिद्ध मंदिर का परिसर छोटा होने के चलते तथा दर्शनार्थियों के लिए अपर्याप्त सुविधा होने के कारण यहां आए दिन हादसे होते रहते हैं। इसी वर्ष मार्च महिने में खाटूश्याम जी के लक्खी मेले में मची भगदड़ में एक युवक की मौत की खबर आई थी।
राजस्थान के सीकर जिले में स्थित प्रसिद्ध खाटू श्याम मंदिर में आज एकादशी के अवसर पर सुबह सुबह पट खुलने के पहले भगदड़ मच गई। प्राप्त खबरों के अनुसार प्रातः पांच बजे मंदिर के प्रवेश द्वार खुलते ही भीड़ की बाढ़ आ गई और प्रवाह बढ़ने के कारण भगदड़ मच गई।
इस दौरान कई बच्चे, महिला और पुरुष श्रद्धालु नीचे गिर गए और भगदड़ के चलते उन्हें उठने का मौका ही नहीं मिल पाया। इस भगदड़ ने तीन महिला श्रद्धालुओं के प्राण हर लिए। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों और मंदिर कमिटी के गार्ड्स ने व्यवस्था संभाली और सभी घायलों को अस्पताल भेजने का प्रबंध किया। इस घटनाक्रम में घायल लोगों का अस्पताल में इलाज जारी है और मामला नियंत्रण में बताया जा रहा है।
प्राप्त खबरों के अनुसार खाटूश्यामजी थाना पुलिस ने पूरे मामले की जांच का जिम्मा संभाला है।
सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासन की टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं। पुलिस अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक एक मृतक महिला की पहचान की जा चुकी है।
दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक ही महिने में इस प्रकार की भगदड़ की यह दुसरी दुर्घटना है। पिछले महिने अठारह जुलाई के दिन सावन के सोमवार के दर्शन को उमडी भीड़ और भगदड़ में बिहार के सीवान जनपद में स्थित महेंद्र नाथ मंदिर से दो श्रद्धालुओं की मृत्यु की खबरें आई थीं।
बार बार घटने वाली इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक है कि ख्यात मंदिरों के परिसर का क्षेत्रफल बढाया जाए और दर्शनार्थियों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। यदि समय रहते पर्याप्त उपायों को लागू किया जाए तो मंदिरों में भगदड़ तथा मृत्यु के इन दुर्भाग्यपूर्ण समाचारों को रोका जा सकता है।