सोमनाथ ज्योतिर्लिंग तथा प्रभास क्षेत्र की कथाओं का समय के सापेक्ष में वर्णन करती पुस्तक प्रभास की श्री कल्पेश वाघ, अंशु जी तथा अजय चंदेल जी द्वारा सुंदर पद्य समीक्षा!

धर्म सूर्य तेज गर्वपुष्प का विकास हो,
अतीत की परंपरा का दिग्दिगंत वास हो।

तृषित की तृषा हरे ‘तृषार’ की ये लेखनी,
तम भरे हृदय में पुण्यज्ञान का प्रभास हो।

~ कल्पेश वाघ


गौरव ‘प्रभास’ तीर्थ का,
रहा सदा से गेय है। 

जीवंत उन कथाओं को,
कर रहा प्रमेय है। 

‘प्रमेय’ के विचार में,
है छवि अतीत की।

क्रूरता की हार की,
आस्था की जीत की।

एक युग के अंत की,
कृष्ण के प्रयाण की। 

जो है सबका साक्षी
उस एक दिव्य बाण की।  

~ अजय चंदेल

Amazon paperback

इस चिर युवा माँभारती की प्रौढ़ता का भान हो

इस अद्यतन संसार में सबसे युवा करदान हो

आगम, अपौरुषेय के प्रभास से दैदीप्यमान

इस सभ्यता विज्ञान के अतीत का सम्मान हो

~ अंशु दूबे

Amazon Kindle

प्रभास की विस्तृत समीक्षा आप यहाँ पढ सकते हैं ।

By संपादक

Author's Bio

Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x