पुस्तक समीक्षा : “समय अभी तक वहीं खड़ा है” ~ कल्पेश वाघ
काव्य-संग्रह "समय अभी तक वहीं खड़ा है" को पढ़ना एक कवि के स्वप्नलोक की यात्रा में उसके समानांतर चलने जैसा है; एक यात्रा जो रचनाओं के मेघ में शब्द, लय,…
प्राचीन से समकालीन तक…
काव्य-संग्रह "समय अभी तक वहीं खड़ा है" को पढ़ना एक कवि के स्वप्नलोक की यात्रा में उसके समानांतर चलने जैसा है; एक यात्रा जो रचनाओं के मेघ में शब्द, लय,…