पुस्तक समीक्षा : “क्रांतिदूत – #मित्रमेला” ~ मनीष श्रीवास्तव
पुस्तक की शुरुआत महान क्रांतिकारी विनायक दामोदर सावरकर को दो जन्मों की कालापानी की सजा का आदेश प्राप्त होने से होती है और फिर यह कथा पूर्वावलोकन में चली जाती…
प्राचीन से समकालीन तक…
पुस्तक की शुरुआत महान क्रांतिकारी विनायक दामोदर सावरकर को दो जन्मों की कालापानी की सजा का आदेश प्राप्त होने से होती है और फिर यह कथा पूर्वावलोकन में चली जाती…
असंख्य तारों, ग्रहों, नक्षत्रों से निर्मित यह हमारी मंदाकिनी ‘आकाशगंगा’ है।
इस कथा में आप पात्रों के साथ साथ दृश्यों में आगे बढ़ेंगे,अनेक अनापेक्षित चरित्रों एवं घटनाओं से आपका सामना होगा, हिंदी के साथ साथ स्थानीय भाषा का पुट आने से…
ऐसे समय जब हिन्दी कविताओं का स्तर अपने न्यूनतम बिदुओ को छू रहा है, छन्दहीन कविता और रचनात्मक स्वतंत्रता के नाम पर कुछ भी कचरा परोसा जा रहा है, सूर…