‘प्रभास’ कहानी जो पुस्तक में प्रकाशित नहीं हुई
तीन वर्ष तक मैंने अपने अश्रुओं से मृतप्राय हो चुकी आस्था को सींचा
प्राचीन से समकालीन तक…
तीन वर्ष तक मैंने अपने अश्रुओं से मृतप्राय हो चुकी आस्था को सींचा
प्रभास - काल्पनिक चरित्रों और कहानियों के माध्यम से मुख्यतया सोमनाथ मंदिर की स्थापना और उस से जुड़े इतिहास के अलग-अलग आयामों को छूती है।