भैरव: कथा और उनके विविध रूप
जिन मनुष्यों की बुद्धि माया के आवरण तले दबी होती है वह भगवान के इस भैरव स्वरूप को पहचान नहीं पाते।
ज्ञानवापी वजुखाने में प्राचीन शिवलिङ्ग या फव्वारा? क्या कहते हैं शास्त्र?
एक तरफ शिवलिङ्ग के पक्षधरों के चेहरों पर उत्साह और आत्मविश्वास है तो दूसरी ओर औरंगजेब के पक्षधरों की बातों में घृणा और चेहरों पर क्रोध है।