भैरव: कथा और उनके विविध रूप
काशी में जिस स्थान पर ब्रह्माजी का पाँचवा मस्तक गिरा उस स्थान को आज भी कपाल-मोचन के नाम से जाना जाता है।
प्राचीन से समकालीन तक…
काशी में जिस स्थान पर ब्रह्माजी का पाँचवा मस्तक गिरा उस स्थान को आज भी कपाल-मोचन के नाम से जाना जाता है।
आदिशक्ति, ब्रह्मांड की मौलिक ऊर्जा या आद्य शक्ति, हिंदू परंपरा में देवी मां के रूप में पूजा की जाती है। हे देवी, शिव तुम्हारे बिना शक्तिहीन हैं। सौंदर्य लहरी आदि…