मेघदूतम् – १: कालिदास की अनुपम कृति का हिंदी अनुवाद
रामगिरी के क्षेत्र में श्राप त्रस्त एक यक्ष सहे वियोग की वेदना हुआ मोह से ग्रस्त!
प्राचीन से समकालीन तक…
रामगिरी के क्षेत्र में श्राप त्रस्त एक यक्ष सहे वियोग की वेदना हुआ मोह से ग्रस्त!
देवताओं, मनुष्यों और दानवों को प्रजापति ब्रह्माजी "ददद" का उपदेश देते हैं
ऐसे समय जब हिन्दी कविताओं का स्तर अपने न्यूनतम बिदुओ को छू रहा है, छन्दहीन कविता और रचनात्मक स्वतंत्रता के नाम पर कुछ भी कचरा परोसा जा रहा है, सूर…