भारत में सूर्योपासना: भाग १
सूर्य देव की उपासना व सौर मत के उपासक अब अधिकतर लुप्तप्राय हो चुके हैं परंतु कई स्थानों पर सिद्ध…
राक्षस राज रावण और रावण-चरित्र से जुड़ी भ्रांतियां
रावण यदि श्राप के प्रभाव में नहीं होता तो वह सीताजी को भी स्पर्श करने का प्रयास अवश्य करता।
नवरात्र में माँ दुर्गा के आगमन वाहन
हमारे पुराणादि शास्त्रों में माता के आगमन व गमन वाहनों के विषय में व उनके प्रकृति एवं मनुष्यों पर प्रभाव…
माँ के दस रूप ‘दस महाविद्या’ ~ भाग २
नवरात्र लेख शृंखला के पिछले भाग में हमने दस महाविद्या के प्रथम चार रूपों के बारे में पढा, चलिए आज…
साहित्य का सृजन, लेखन के लक्षण और अभ्यासू का उत्तरदायित्व
महाभारत के लेखन से पूर्व पाठक का उत्तरदायित्व समझाता एक प्रसंग
प्रजापति ब्रह्माजी का ‘द-द-द’ का उपदेश
देवताओं, मनुष्यों और दानवों को प्रजापति ब्रह्माजी "ददद" का उपदेश देते हैं
स्थितप्रज्ञता का साक्षात्कार
लेकिन मैं उस मार्ग को छोड़ चुका था और मेरे लिए उस रास्ते पर फिर से जाना निरर्थक था।
हिंदू मंदिरों में घंट, पुष्प, प्रसाद, धूप और दीपक का औचित्य क्या है?
हिंदू मंदिर में घंट, पुष्प, धूप और प्रसाद का महत्व